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कथा गोरखपुर खड - 1

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मंत्र ● प्रेमचंद  उस की मां  ● पांडेय बेचन शर्मा उग्र  झगड़ा , सुलह और फिर झगड़ा  ● श्रीपत राय  पुण्य का काम ●सुधाबिंदु त्रिपाठी लाल कुरता   ● हरिशंकर श्रीवास्तव  सीमा  ● रामदरश मिश्र  डिप्टी कलक्टरी  ● अमरकांत  एक चोर की कहानी  ●श्रीलाल शुक्ल साक्षात्कार  ● ज ला श्रीवास्तव  अंतिम फ़ैसला  ● हृदय विकास पांडेय  पेंशन साहब ● हरिहर द्विवेदी  मां  ● डाक्टर माहेश्वर  मलबा ● भगवान सिंह  पेंटिंग :अवधेश मिश्र , कवर : प्रवीन कुमार  कथा-गोरखपुर का गोरखधंधा  दयानंद पांडेय  गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के क़िस्से बहुत हैं। गुरु गोरख के ही क़िस्से इतने सारे हैं कि पूछिए मत। इन क़िस्सों के वशीभूत गोरखधंधा ही कहने लगे लोग। तो भी इस गोरखधंधा वाले नगर में कवि और शायर जितने हैं , कथाकार उतने नहीं हैं। लखनऊ जैसे शहरों को अगर अपवाद मान लें तो ज़्यादातर शहरों में कवि, शायर गली-गली मिल जाएंगे पर कथाकार कम ही मिलेंगे। तो फ़िराक़ गोरखपुरी के शहर में भी जहां बकौल नामवर सिंह कुत्ते भी शेर में भौंकते हैं  , कथाकार कम ही मिलते हैं। अलग बात है कि गोरखपुर में प्रेमचंद से भी पहले मन्नन द्विवेदी गजपुरी के